3. पीपल की पूजा मिलती है शनि दोष से मुक्ति
महर्षि दधीचि के पुत्र पिप्पलाद ऋषि थे। पिप्पलाद का शाब्दिक अर्थ है पीपल के पेड़ के पत्ते खाकर जीवित रहने वाला। महर्षि दधीचि ने संसार के हित में अपने शरीर को त्यागकर देवराज इंद्र को हड्डियों का दान कर दिया था।